मेरी खीरगंगा यात्रा (2015) :-
एक सभा में बैठे हुए जब घूमने की बात आती है तो खीरगंगा को चुना जाता है और इस यात्रा की जिम्मा लिया है
ठाकुर जी ने जोकि हमारे गाइड हैं , पूरा प्लान बना लिया गया है और सुबह सुंदरनगर बस स्टैंड से 4 बजे की बस है ।
हल्की फुल्की तैयारी और नींद के साथ हम पांच दोस्त सुबह 4 बजे बस में सुंदरनगर से मणिकर्ण के लिए सवार हो गए हैं और ठाकुर साहब की प्लानिंग से पूरा फन करने की उम्मीद में हैं । बाहर बहुत अंधेरा है पर बस की स्पीड देखकर लगता है कि बस वाला इस बात से वंचित है ।
एक दूसरे की खिल्ली उड़ाते उड़ाते हम अब मंडी बस स्टैंड में पहुँच गए हैं यहाँ चाय का आनंद लिया जा रहा है और ठाकुर साहब को उनकी जिम्मेदारी का आभास कराया जा रहा है ।
कंडक्टर साहब की सीटी बजती है और बस में सवार हो जाते हैं । कुछ समय बीतते ही वहीँ सूरज अपनी रोशनी इन सुन्दर वादियों में और ड्राइवर हमें पंडोह डैम में पहुचता है ।
एक बहुत सुंदर डैम (पंडोह डैम) के नज़ारों का लुप्त उठाया जा रहा है जो 255 मीटर लंबा और 76 मीटर ऊंचा है । कुछ सुन्दर नजरों से अपने आप का तरो ताज़ा करके हम मनिकर्ण साहब
पहुंच गये हैं और वहाँ गर्म पानी के चश्मों का आनंद लेकर हम सब वर्शेणी की बस का इंतज़ार कर
रहे हैं /
पहुंच गये हैं और वहाँ गर्म पानी के चश्मों का आनंद लेकर हम सब वर्शेणी की बस का इंतज़ार कर
रहे हैं /
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मणिकर्ण के पास बहती ब्यास नदी का एक दृश्य |
अब हम बस में हैं और हम वर्शेणी गांव जा रहे हैं जोकि मणिकर्ण से 20 किलोमीटर की दूरी पर है अब
बस की गति वैसी नहीँ है जैसे पहले बाली बस की थी रास्ता काफी क्षतिग्रस्त है और तीखे मोड़ बाला
भी । एक काफी तीखा मोड़ काट रे ड्राइवर को मेरे साथी ने आवाज लगा दी और कहा भाई काट
भी । एक काफी तीखा मोड़ काट रे ड्राइवर को मेरे साथी ने आवाज लगा दी और कहा भाई काट
ले अब। पर मेरे दोस्त की इन पुकारों का ड्राइवर पर कोई असर नहीं है और कुछ ही पल में हम
वर्शिनी पहुंच गए।
वर्शिनी पहुंच गए।
बर्शिनी गांव की जानकारी :-
यह एक छोटा सा गांव है यहाँ पे रुकने की कम व्यवस्था , कुछ ढाबे और एक छोटा सा
टैक्सी स्टैंड है यहाँ से एक रास्ता तोश गांव के लिए भी जाता है जो कि लगभग 3-4 किलोमीटर है । यहाँ
से भुंतर के लिए आखिरी बस साँय 4 बजे के करीब है जो कि स्थानीय लोगों से जरूर पता कर लें अगर आप उसी दिन बापिस आना चाहते हैं ।
अब हम बर्शिनी पहुंच चुके हैं और चाय पान किया जा रहा है और पता कर रे है कि आगे कितना पैदल चलना है
यहां हमें 13 किलोमीटर का रास्ता बताया जा रहा है और समय का अंदाजा हमारी शक्ल देखकर 3:45 घण्टे टैक्सी स्टैंड है यहाँ से एक रास्ता तोश गांव के लिए भी जाता है जो कि लगभग 3-4 किलोमीटर है । यहाँ
से भुंतर के लिए आखिरी बस साँय 4 बजे के करीब है जो कि स्थानीय लोगों से जरूर पता कर लें अगर आप उसी दिन बापिस आना चाहते हैं ।
अब हम बर्शिनी पहुंच चुके हैं और चाय पान किया जा रहा है और पता कर रे है कि आगे कितना पैदल चलना है
बताया जा रहा है रास्ता पहाड़ी है और शाम को बापिस भी पहुँचना है अब ठाकुर साहब आगे आते हैं और एक
कहते है हम इसे 3 घण्टे से पहले ही चढ़ लेंगे बस मेरा साथ दो ,अब ठाकुर जी की बात मानकर हम उनके पीछे हो
लेते हैं सामने दिख रहे बर्फ से लदे पहाड़ हमें उतना ही प्रोत्साहित कर रहे है जितना कि ठाकुर साहब ।
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ठाकुर साहब हमें गाइड करते हुए |
रास्ते में एक नदी के पुल से हम आगे गुज़र रहे हैं और अब चढ़ाई बढ़ रही है लेकिन ठाकुर जी के लिए ये सब
मामूली है सुबह रोज़ उठकर दौड़ने का असर नजर आ रहा है हमें भी उनके पीछे हैं लेकिन दूरी थोड़ी ज्यादा है
आगे बढ़ते बढ़ते कुछ पानी के झरने भी दिख रहे हैं जो कि सामने बाली पहाड़ी पर हैं अभी हमें चले एक घन्टा
ही हुआ है और हम लगभग 6 किलोमीटर सफर तय कर चुके हैं ठाकुर जी हमें एक मिनट से ऊपर बैठने
की इजाजत नहीं दे रहे हैं , कुछ आज के युवाओं को तुम खत्म हो कहकर आगे धकेल रहे हैं ।
रास्ते में कुछ बहुत सुंदर दृश्य दिखाई दे रहे हैं ।
की इजाजत नहीं दे रहे हैं , कुछ आज के युवाओं को तुम खत्म हो कहकर आगे धकेल रहे हैं ।
रास्ते में कुछ बहुत सुंदर दृश्य दिखाई दे रहे हैं ।
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रास्ते में दिखता एक मनमोहक दृश्य |
और हम एक पानी के झरने पे पहुँच गये हैं यहाँ और ये दृश्य सच मे उस थकान को कम करने के लिए काफी है झरने के पास जाया जाता है कुछ तस्वीरेँ उत्तरी जारी हैं बस 15 मिनेट का आराम करने के बाद आगे का सफर शुरू हो गया है और हम दूसरी पहाड़ी पे जाने बाले हैं पहले बाली पहाड़ी के मुकाबले इस पहाड़ी पे ठंड ज्यादा है सीधी बात करें तो 4-5 डिग्री का फर्क लगता है लकड़ी का छोटा सा पुल ओर उसके नीचे गुजरता
पानी का दृश्य भी हमें यहाँ रोकना चाह रहा है लेकिन ठाकुर जी नही ।
सामान्य बस में दिल्ली सेे भुंतर तक किराया :- 2000 लगभग दोनों ओर को ।
भुंतर से बर्शिनी गांव:- 180 रुपये दोनों तरफ का
दिन में खाने का खर्च:- 500-700 रुपये
ठहरने का खर्च :- 1000-1200 रुपये का एक टेंट जिसमें 4-5 लोग ठहर सकते हैं , एक आदमी ज्यादा से ज्यादा 300-400 में रात काट सकता है ।
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